Dark Side of Zomato Vs Swiggy Business Model | Future of FoodTech | Case Study

Zomato 12 लाख तो ही Swiggy 15 लाख ऑर्डर हर दिन डिलीवर करता है। लेकिन इसके बावजूद 2021 में Zomato को ₹812 करोड़ और Swiggy को Zomato से भी दोगुना यानी ₹1616 करोड़  का लॉस हुआ। तो आख़िर ऐसी क्या वजह है? कि हर दिन लाखों ऑर्डर्स डिलीवर करने के बाद भी यह दोनों कंपनियां घाटे में ही जा रही है। क्या इससे निकलने का कोई रास्ता भी है? या यह दोनों भी और यूनिकॉर्न स्टार्टअप्स की तरह बर्बाद होने की कगार पर है। चलिए आज के इस आर्टिकल में सब कुछ जानते हैं।

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तो दोस्तों, Zomato और Swiggy की Losses और उनकी वजह को समझने के लिए, सबसे पहले जानते हैं कि आखिर इन कंपनियों की शुरुआत कैसे हुई। असल में Zomato की शुरुआत साल 2008 में हुई थी, जब Zomato के फाउंडर दीपीन्द्र गोयल IIT दिल्ली में पढ़ाई कर रहे थे। उस दौरान उन्होंने एक प्रॉब्लम बहुत ज्यादा फेस की जो थी। Restrone से खाना ऑर्डर करना। 

उन्होंने नोटिस किया कि यह प्रॉब्लम सिर्फ उनकी ही नहीं थी, बल्कि उनके सारे दोस्त भी अपनी पसंद का खाना ऑर्डर करने में प्रॉब्लम फेस कर रहे थे। और उन्हें बार बार अलग-अलग Restrone को कॉल करके आर्डर देना पड़ता था। यह सब देखने के बाद उन्होंने सोचा कि क्यों ना कोई ऐसा प्लेटफॉर्म बनाया जाए, जिसकी हेल्प से लोग आसानी से अपनी पसंद का खाना किसी भी Restrone से आर्डर कर सके। 

वह भी बिना किसी फोन कॉल के और इसी आइडिया के बेसिस पर उन्होंने foodiebay नाम की अपनी एक वेबसाइट बनाई।जिसे साल 2010 में बदलकर Zomato कर दिया गया। अब शुरुआत में इंटरनेट के यूजर्स बहुत ज्यादा नहीं थे। इसलिए यह वेबसाइट उस समय तक कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाई। लेकिन समय बीतने के साथ जब इंटरनेट सस्ता हुआ, और इसकी पहुंच बढ़ी। तब लोगों ने ऑनलाइन फूड ऑर्डर करना भी शुरू कर दिया।

अब Zomato के पास ग्रो करने के लिए भारत की पूरी मार्केट ओपन थी, क्योंकि उस समय तो उनका कोई भी Compititor इंडिया में मौजूद नहीं था।  लेकिन Zomato के यह अच्छे दिन ज्यादा टाइम तक नहीं रहे। क्योंकि अगस्त 2014 में उनका सबसे बड़ा Compititor Swiggy मार्केट में आ गया था। अब शुरुआत में तो Swiggy पर भी सिर्फ 25 Restrone ही लिस्टेड थे। लेकिन 2019 आते-आते इसने मार्केट में इतनी तेजी से अपने पैर पसारे, कि Restrone का यह नंबर 40 हज़ार को क्रॉस कर गया।और फिर तभी से दोनों के बीच नंबर वन पोजीशन पर कब्जा करने की लड़ाई, शुरू हो गई।

अब यह दोनों कंपनियां नंबर वन बनने के लिए क्या क्या कर रही हैं। इसे समझने से पहले चलिए हम यह जान लेते हैं। इनका बिजनेस मॉडल क्या है, और यह पैसे कैसे कमाते हैं? तो Basically देखा जाए तो इन दोनों ही Companies का बिजनेस मॉडल लगभग सेम कांसेप्ट पर काम करता है। जिसमें यह तीन मेजर बिजनेस सेगमेंट से पैसे कमाती हैं। पहला फूड डिलीवरी सर्विस, दूसरा एडवरटाइजिंग सर्विस और तीसरा बिजनेस कंसलटेंसी सर्विस है।

 

फूड डिलीवरी बिजनेस में यह दोनों ही Companies कस्टमर के खाने का ऑर्डर लेकर उसे चुने गए Restrone से, कस्टमर के घर तक पहुंचाने का काम करती हैं। और अपनी इस सर्विस के बदले में कंपनी हर आर्डर पर अपना कमीशन लेती हैं। वहीं एडवरटाइजिंग सर्विस में यह आपने प्लेटफार्म पर ऐड चला कर पैसे कमाती हैं। यानी कि अगर आप Zomato या Swiggy कि ऐप पर किसी डिश को सर्च करते हैं, तो आपको कुछ Restrone सबसे ऊपर दिखाई देते हैं।

अब उसको नंबर 1, 2 या 3 पर शो करने के लिए या फिर किसी Restrone के ऐड लगाने के लिए, Zomato या Swiggy उस Restrone से पैसे चार्ज करते हैं। अब बात करें बिजनेस कंसलटेंसी सर्विस की तो Swiggy या Zomato के पास यह सारी जानकारी मौजूद होती है, कि कौन से स्टेट के कौन से हिस्से में कौन सा फूड आइटम लोग सबसे ज्यादा पसंद करते हैं। 

इस तरह से अगर आप कोई नया Restrone ओपन करके उसे Zomato से जोड़ते हैं, तो वह आपको बताएंगे कि आपको किस तरह के Dishes रखनी चाहिए। और उनका प्राइस क्या होना चाहिए। ताकि ज्यादा से ज्यादा कस्टमर्स को अपनी तरफ अट्रेक्ट किया जा सके। अब इस तरह ऊपर ऊपर से देख कर इनका बिजनेस मॉडल काफी कमाल का लगता है, और इसी मॉडल पर इन्वेस्टर्स ने भी इन Companies में खूब पैसे इंवेस्ट किए हैं।

अगर हम Swiggy की बात करें तो इसके लॉन्च होने के एक साल बाद ही यानी 2015 में इन्वेस्टर्स ने इसमें 2 मिलीयन डॉलर्स की फंडिंग की थी। और वहीं Zomato को उसका पहला इन्वेस्टर 2010 में मिला था। जो भारत के फेमस इन्वेस्टर और बिजनेसमैन संजीव भिकचंदानी थे। और उन्होंने इस कंपनी में 1 मिलियन डॉलर्स की फंडिंग की थी। इस तरह से इन दोनों ही Companies की बेहतरीन बिजनेस मॉडल को देखकर कई और इन्वेस्टर्स ने भी बढ़-चढ़कर अपने पैसे इन्वेस्ट किए हैं।

मगर इसके बावजूद भी आखिर ऐसी क्या वजह है, कि Zomato और Swiggy सिर्फ एक लॉस मेकिंग कंपनी ही बनकर रह गया है? अब दोस्तों अगर हम इसकी वजह जानने के लिए इंडिया की फूड डिलीवरी मार्केट का कंपैरिजन यूएस के मार्केट के साथ करें तो पता चलता है, कि 2020 में इंडिया के जो फूड डिलीवरी मार्केट 3 बिलियन डॉलर्स की थी। वह 2025 तक 13 बिलियन डॉलर्स को क्रॉस कर जाएगी। वहीं 2020 में यूएस की फूड डिलीवरी मार्केट 18.5 बिलियन डॉलर्स की थी जो कि आने वाले 4 सालों में बढ़कर 33.7 बिलियन डॉलर्स तक पहुंच सकती है।


यानी कि इंडिया के फूड डिलीवरी मार्केट भले ही यूएस से छोटी है, पर हमारा ग्रोथ रेट यूएस से काफी ज्यादा है। मगर एक चीज जिसमें इंडियन मार्केटिंग यूएस से काफी पीछे रह जाती है। वह एवरेज ऑर्डर वैल्यू और फ़िलहाल इंडिया में Swiggy और Zomato के लिए यही उनके लॉस का सबसे बड़ा रीजन है। फॉर एग्जांपल यूएस में एवरेज ऑर्डर वैल्यू $30 के आसपास है, जिस पर Companies 30% का मार्जिन कमाती है। 

वही इंडिया में एवरेज ऑर्डर वैल्यू सिर्फ $5 है, जिस पर Companies बड़ी मुश्किल से मैक्सिमम 20% का मार्जिन ही अर्न कर पाती हैं। और इसी 20% में Companies सॉफ्टवेयर राइडर्स और लॉजिस्टिक जैसे भी खर्चे निकालने पड़ते हैं। जिन्हें निकालने के बाद प्रॉफिट के नाम पर कंपनी के पास कुछ भी नहीं बचता, बल्कि उल्टा कंपनियों को भी खुद अपनी जेब से पैसे लगाने पड़ जाते हैं। एक रिपोर्ट से पता चलता है कि Zomato या Swiggy जितने भी ऑडर्स डिलीवर करती है, ना उनमें से मैक्सिमम आर्डर पर उन्हें लॉस का ही सामना करना पड़ता है।

अगर हम इनके 2020 में हुए Losses की बात करें तो Zomato को 2367 करोड़, और Swiggy को ₹3320 करोड़ का लॉस हुआ था। अब 2020 में हुए नुकसान के लिए हम यह एक्सक्यूज़ दे सकते हैं, कि उस साल कोरोना तबाही मचाएं हुए था। और लोग बाहर का खाना कंपलीटली अवॉइड कर रहे थे, जिससे ना सिर्फ Restrone को नुकसान हुआ बल्कि फूड डिलीवरी Companies को भी बहुत बुरे दिन देखने पड़े। लेकिन 2021 में तो चीजें काफी बेहतर हो गई थी ना, फिर भी Zomato और Swiggy तो लॉस में ही रहे। यहां तक कि इस साल Zomato को ₹812 करोड और Swiggy को भी 1616 करोड़ का नुकसान हो चुका है।


लेकिन इतनी सारी Losses के बावजूद भी दोनों ही Companies में नंबर वन बनने की लड़ाई अभी भी जारी है। जिसकी वजह से ना ही यह फूड आइटम्स पर दिए जाने वाले ऑफर्स को बंद कर रहे हैं। और ना ही इनके एडवर्टाइजमेंट में कोई कमी देखने को मिल रही है। अगर हम सिर्फ फूड आइटम्स पर दिए जाने वाले ऑफर्स की बात करें, तो यह दोनों ही Companies अक्सर लोगों को 30 से 40% का डिस्काउंट देते ही रहते हैं। हालांकि उन ऑफर्स में से काफी हद तक वह कवर भी कर लेते हैं। क्योंकि अगर कोई डिश Restrone में ₹100 की मिलती है, तो Zomato या Swiggy पर उसका प्राइस 115 या ₹120 होता है। तो फिर यहां पर दिए जाने वाले आधे डिस्काउंट तो यही से वह कवर कर लेते हैं। 

इसके अलावा Restrone के मालिक को भी कस्टमर को Restrone में बिठाकर खाना खिलाने से ज्यादा प्रॉफिट, उनके के घर पर फूड डिलीवरी करने में होता है। इसीलिए वह Zomato या Swiggy को 15 से 20% का स्पेशल डिस्काउंट भी देते हैं। यानी कि मान लीजिए किसी डिश का रेगूलर प्राइस ₹100 हैं, तो फिर Restrone Zomato या Swiggy को वही सेम डिश 80 से ₹85 में देते हैं।


इस तरह से यह Companies अपना 30 से 40% तक का डिस्काउंट कुछ हद तक कवर करके नो लॉस नो प्रॉफिट के साथ फूड डिलीवर कर रही हैं, लेकिन लॉजिस्टिक सॉफ्टवेयर और डिलीवरी पर्सन को दिए जाने वाले पैसे कंपनियों को अपनी जेब से ही देने पड़ते हैं, जिसकी वजह से ही यह दोनों ही कंपनियां कई सालों से घाटे का बिजनेस कर रही है। 

अब हर साल इन्वेस्टर्स तो यही उम्मीद लगाकर रखते हैं कि नेक्स्ट ईयर से Swiggy या Zomato प्रॉफिटेबल हो जाएंगे, लेकिन हर साल उन्हें निराशा ही हाथ लगती है। यहां तक कि अब तो खुद Zomato या Swiggy ने भी प्रॉफिट कमाने के लिए कोई दूसरा अल्टरनेटिव बिजनेस ढूंढना स्टार्ट कर दिया है। और दोनों ही नए-नए आइडियाज के साथ खुद को एक्सपेंड करने की कोशिश कर रहे हैं।


फॉर एग्जांपल अभी हाल ही में Swiggy ने Swiggy Genie एक नई सर्विस शुरू की है। अब यह Genie करता क्या है? कि आप मान लो ऑफिस में कोई जरूरी फाइल ले जाना भूल गए हैं। लंच बॉक्स छूट गया है। फॉर मैसेज मेडिसिन या फिर कोई Grocery आइटम मंगवाना है। तो फिर इन सारी चीजों को कम समय में उनकी लोकेशन पर पहुंचाने का काम Swiggy Genie करता है। यह सर्विस अभी सिर्फ बेंगलुरु, मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता और लखनऊ जैसे कई बड़े सिटीज में स्टार्ट की गई है। जहां से यूजर्स का काफी अच्छा feedback भी देखने को मिल रहा है। 

इसके अलावा Swiggy ने स्विग्गी इंस्टामार्ट भी लॉन्च किया है। जिसके जरिए वो काफी कम समय में Grocery डिलीवर कर रहा है। और ऐसा माना जा रहा है कि अभी Swiggy अपना ज्यादातर इन्वेस्टमेंट इस इंस्टामार्ट को ही बढ़ाने में कर रहा है। क्योंकि आने वाले सालों में ऑनलाइन Grocery डिलीवरी का मार्केट साइज ऑनलाइन फूड डिलीवरी के मार्केट साइज के मुकाबले, कई गुना बड़ा होने का अंदाजा लगाया गया है। अब अगर हम बात करें कि Zomato क्या कर रहा है? तो वह भी अभी Zomato इंस्टा सर्विस से 10 मिनट का डिलीवरी ऑप्शन लेकर आया है। जिसके लिए उसने कई सारे डर्कस्टोर भी बनाए हैं। इस स्टोर में पहले से ही कुछ डिशेज बने बनाए तैयार रहते हैं। और जब भी कोई आर्डर आता है तो खाने को गर्म करके उसे तुरंत डिलीवरी के लिए भेज दिया जाता है। 

इस तरह Zomato सिर्फ़ 10 मिनट के अंदर ही फूड डिलीवर कर पा रहा है। इसके अलावा Zomato के पास काफी सारे Restrone की इंफॉर्मेशन तो है ही इसीलिए उसने उनकी जरूरतों को समझते हुए उनके साथ फूड डिलीवरी के अलावा एक नया बिजनेस शुरू किया है। जिसका नाम है Hyperpure यानी Zomato अब सिर्फ Restrone की बनाई हुई Dishes को ही डिलीवर नहीं करता। बल्कि साथ ही वह Hyperpure के जरिए उन Dishes को बनाने में लगने वाले रॉ मैटेरियल भी Restrone को सप्लाई करता है।



इस सब के अलावा Swiggy की तरह ही Zomato भी ऑनलाइन Grocery मार्केट में अपने पैर जमा रहा है। जहां इस बिजनेस के लिए उसने ब्लिंकिट को acquire किया है तो इस तरह से काफी लंबे टाइम से लॉस में चल रहा Zomato और स्विगि अपने Losses को कवर करके एक प्रॉफिटेबल बिजनेस बनने के लिए पूरी ट्राई कर रहे हैं। हालांकि यह कोशिश कितनी कामयाब हो पाती है। यह तो हमें आने वाले वक्त में ही पता चल पाएगा।

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