How India's Rupay Killing VISA and Mastercard?Truth Behind RuPay Card | Case Study

भारत के अंदर UPI के जबरदस्त सफलता के बाद अब हमारा Rupay भी पूरी दुनिया में छा रहा है। और इसका डोमिनेंस कुछ ऐसा है कि Visa और Mastercard जैसे वह कंपनीज जिससे अमेरिका कि Economi चलती है, वह भी डरे शहमे से दिखाई दे रहे हैं। 2017 में इंडिया के अंदर जहां Rupay का मार्केट शेयर सिर्फ 15% था। 

वह महज 5 साल के अंदर बढ़कर 60% को भी क्रॉस कर गया है। और इसने Mastercard और Visa की हालत ऐसी कर दी है, कि उन्हें अमेरिकन गवर्नमेंट से Rupay की शिकायत तक करनी पड़ गई। लेकिन सवाल यही है? कि Rupay ने आखिर ऐसा क्या कमाल कर दिया कि बड़ी बड़ी कंपनीज भी इसके सामने झुकती नजर आ रही हैं। 

भारत को क्यों अपना खुद का पेमेंट सर्विस सिस्टम लाना पड़ा, और कैसे हमारे इस एडवांस टेक्नोलॉजी को पूरी दुनिया में Adopt किया जा रहा है। आज के इस आर्टिकल में हम सब कुछ जानने वाले हैं।

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Rupay बेसिकली भारत का एक पेमेंट सर्विस सिस्टम है, जो कि Buyer और Sellers के बीच Link स्टेबलिश करके ट्राजेक्शंस को वेरीफाई करता है। और सेम यही सर्विस अमेरिकन कंपनीज Visa और Mastercard भी प्रोवाइड करते हैं। अब आपने भी अपने Debit या Credit Card के ऊपर इनका Logo तो जरूर देखा होगा। इसका मतलब यह है कि उस Card किए गए ट्रांजैक्शन को इन्हीं कंपनीज के थ्रू गुजारना पड़ता है।
 
तो दोस्तों इस पूरे कहानी में सबसे बढ़िया मोड़ तब आता है जब 2018 में Mastercard United States Trade Representative को यह शिकायत लिखता है, कि पीएम नरेंद्र मोदी Rupay Card को राष्ट्रवाद के साथ जोड़कर प्रमोट कर रहे हैं। और एक देश के पीएम का इस तरह किसी सिस्टम को प्रमोट करना, हमारे लिए खतरा बन सकता है। 

और कुछ ऐसे ही Mastercard के अलावा Visa ने भी अमेरिकन गवर्नमेंट के पास जाकर कंप्लेंट की थी। पर अब सवाल यह कि मार्केट के इतने बड़े Gaints को अपने Existence का खतरा आख़िर क्यों सताने लगा है? तो दोस्तों बात यह है कि पूरी दुनिया की तरह भारत के मार्केट पर भी इन कंपनीज का ही बोलबाला हुआ करता था, और चार-पांच साल पहले तक यह सर्विस चार्ज के नाम पर हमें खूब लूटा करते थे। 

लेकिन अब Rupay के इतने तेजी से बढ़ते हुए मार्केट शेयर को देखकर इनसे रहा नहीं जा रहा है। और ऊपर से गवर्नमेंट सपोर्टर  प्रमोशंस ने तो इन कंपनीज की खटिया तक खड़ी कर दी है।
Actually भारत सरकार ने स्वदेशी को बढ़ावा देने के लिए 26 मार्च 2012 को National Payments Corporation Of India यानी NPCI के साथ मिलकर भारत का अपना पहला पेमेंट नेटवर्क Rupay को लांच किया था। अब अगर हम इसके नाम Rupay की बात करें तो इसे रूपी और पेमेंट इन 2 वर्ड से मिला कर बनाया गया है।


बेसिकली यह पेमेंट नेटवर्क इंडिया में कैशलेस Economy को बढ़ावा देने के परपज से बनाया गया है। और इसके लांच पर NPCI इंडिया की चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर प्रवीणा राय ने कहा था, कि इस नए Card बेस पेमेंट सिस्टम को देश की सेवा के लिए लांच किया गया है। अब दोस्तों सवाल यह है कि आखिर Rupay जैसे पेमेंट नेटवर्क की हमें जरूरत क्यों पड़ी? तो दोस्तों भारत में Rupay को लॉन्च करने के पीछे मल्टीपल रिजंस हैं।

जिसमें सबसे बड़ा Security Threat है। एक्चुअली Visa और Mastercard जैसी विदेशी कंपनियां इंडियन Card होल्डर के पर्सनल डाटा को अपने देश के सर्वर में स्टोर करती थी। और हमारे यह इंपोर्टेंट डाटा आने वाले टाइम में बहुत बड़े Security इश्यू बन सकती थीं। दूसरा कारण यह भी था, कि Visa और Mastercard हर ट्रांजैक्शन पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट यानी MDR के रूप में बहुत ज्यादा फीस चार्ज करते थे। 

जिससे हमारे देश का ढेर सारा पैसा दूसरे देश में जा रहा था। और इसी तरह के कई सारे प्रॉब्लम्स को देखते हुए इंडियन बैंक Association ने Nonprofitable पेमेंट सर्विस सिस्टम बनाने का सोचा। और तब 2009 में जो पूरा सिस्टम बनाया गया था। उसका नाम इंडिया पे रखा गया, लेकिन आगे चलकर जब 2012 में इसकी रिस्पांसिबिलिटी NPCI को सौंपी गई तब इसका नाम बदलकर Rupay कर दिया गया है।

अब सवाल यह आता है कि Rupay Card को भारतीय गवर्नमेंट प्रमोट कैसे कर रही है? तो दोस्तों भारत जैसे देश में जहां 2014 से पहले तक ज्यादातर लोगों के पास बैंक एकाउंट ही नहीं हुआ करते थे। वहां पर किसी भी एडवांस पेमेंट सर्विस सिस्टम का कोई फायदा नहीं था। और गवर्नमेंट भी इस बात को समझ चुकी थी। इसके लिए सरकार ने सबसे पहले बहुत सारी ऐसी स्कीम्स निकाली जिससे लोगों को बैंकों के साथ जोड़ा जीरो बैलेंस के साथ लोगों के खाते खुलवाए गए। 


लोगों को मिलने वाली गैस और बिजली जैसे सब्सिडी को सीधे खाते में ट्रांसफर किया जाने लगा। इस तरह से जब पब्लिक को एक बार बैंक के साथ जोड़ दिया गया, उसके बाद से सरकार ने Rupay को प्रमोट करना शुरू कर दिया। जहां पहले ही हमारी गवर्नमेंट इसे स्वदेशी और राष्ट्रीय भावनाओं के साथ जोड़ रही थी। 

वहीं दूसरी तरफ सरकार ने अपनी योजनाओं में भी Rupay Card को ही प्रमोट किया। फॉर एग्जांपल 2014 के बाद जो भी फाइनेंशियल स्कीम लांच की गई, उन सभी में Rupay Card को ही प्रमोट करने पर जोर दिया गया। अब आप सभी को प्रधानमंत्री जन धन योजना तो याद ही होगी। इस योजना में Rupay को पॉपुलर और सक्सेसफुल बनाने में रीढ़ की हड्डी की तरह काम किया।

एक्चुअली इस योजना के तहत जितने भी नए खाते खोले गए, गवर्नमेंट के आर्डर पर उन सभी खातों पर सिर्फ Rupay Debit Card ही दिया गया। हमारी फाइनेंस मिनिस्ट्री के अंदर आने वाले डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विस के मुताबिक इस योजना के तहत 2022 तक करीब 32 करोड़ Rupay Debit Card जारी किए जा चुके थे, जो कि इंडिया के टोटल Card मार्केट का 34% है। 

वैसे इस योजना के अलावा नवंबर 2020 में हमारी फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारामन् जी ने बैंकों के साथ एक मीटिंग में सभी बैंकों को यह रिक्वेस्ट किया, कि वे ज्यादा से ज्यादा Rupay Card को ही अलाउड करें। अब शुरुआत में जब इस Card को लांच किया गया था तो इसका फिक्स MDR 90 पैसे रखा गया था, जो कि ऑलरेडी Visa और Mastercard के 2-4% के मुकाबले काफी कम था। लेकिन सरकार ने इसको भी खत्म करते हुए Rupay Card का MDR जीरो कर दिया।


MDR मतलब Merchant Discount Rate जो कि Debit और Credit Card ट्रांजैक्शंस के ऊपर दुकानदार से चार्ज किया जाता है। और दोस्तों इस तरह से MDR चार्जेस को खत्म करना भी Rupay के सफलता में अहम भूमिका निभा गया। क्योंकि इससे छोटे बिजनेस ओनर्स को काफी ज्यादा फायदा हुआ। और इसका इस्तेमाल देश में काफी तेजी से बढ़ गया। 

इसके अलावा 2018 में GST Council ने Rupay Card से पेमेंट करने के लिए लोगों को कैशबैक जैसे ऑफर्स दिए, जिसके तहत हर खरीदारी पर टोटल GST में से 20% तक कैशबैक भी दिया जाने लगा। और दोस्तों सरकार की इन्हीं कोशिशों से ही ये मुमकिन हो पाया है कि भारत का अपना खुद का पेमेंट सिस्टम आज टोटल Card मार्केट के 60% का हिस्सेदार है। 

अब ऐसे में जाहिर सी बात है कि Visa और Mastercard को भारत में अपने भविष्य और वजूद की चिंता तो होगी ही, और वैसे भी भारत कोई छोटी मोटी मार्केट थोड़ी है जिसे खोने पर उन्हें कोई फर्क ना पड़े। यही रीजन है कि Visa और Mastercard इंडियन गवर्नमेंट के Rupay Card को प्रमोट करने और सपोर्ट करने की शिकायत लेकर अपनी अमेरिकन गवर्नमेंट के पास गए थे, लेकिन उनके शिकायत से कुछ होने वाला थोड़ी है। 

क्योंकि 2019-20 की तुलना में 21, 22 के बीच Rupay Card के थ्रू इकॉमर्स प्लेटफॉर्म पर होने वाली ट्रांजैक्शंस में 58.2% की ग्रोथ हुई है। इसके अलावा POS ट्रांजैक्शन की अगर बात करें तो 2019-20 के दौरान इस Card से 9557 करोड़ Rupay का ट्रांजैक्शन हुए थे, जबकि 2021-22 के बीच ये अमाउंट बढ़कर 12393 करोड Rupay हो गया है। और इन नंबर्स से यह साफ जाहिर होता है, कि Visa और Mastercard चाहे जितना भी रोते रहें।


Rupay अपना मार्केट साइज बहुत तेजी से ग्रो कर रहा है। लेकिन अब सवाल आता है कि भारतीय Rupay पूरी दुनिया में अपनी पकड़ कैसे बना रहा है। असल में दोस्तो इंडिया में Rupay की सफलता के बाद सरकार ने इसे दूसरे देशों में ले जाने पर भी बहुत काम किया है। साल 2018 में जब अपनी सिंगापुर विजिट के दौरान पीएम मोदी ने वहां एसबीआई Rupay Card का यूज करके एक पेंटिंग खरीदा।

तभी लोगों को यह पता चल गया कि Rupay सिर्फ भारत तक सीमित नहीं रहने वाला, क्योंकि इसके कुछ समय बाद ही हमारी फाइनेंस मिनिस्टर ने यह कंफर्म किया कि सिंगापुर और UAE हमारे Rupay पेमेंट मैकेनिजम को अपना चुके हैं। फिलहाल हमारी इंडियन गवर्नमेंट दुनिया भर के 30 से भी ज्यादा देशों के साथ ये डिस्कस कर रही है कि वहां पर Rupay को सिर्फ एक्सेप्ट ही ना किया जाए, बल्कि एक Viable पेमेंट ऑप्शन बना दिया जाए। जिसमें भूटान और नेपाल पहले से ही इस पर भारत के साथ एग्री कर चुके हैं। 

वैसे आपको यह जानकर हैरानी होने के साथ-साथ गर्व भी महसूस होगा, कि आज हमारे Rupay का यूज भारत के अलावा दुनियाभर के 185 देशों के नागरिक करते हैं। और इन 185 देशों की 40 लाख POS लोकेशंस और 20 लाख ATM पर Rupay Card को एक्सेप्ट किया जाता है। और इस तरह Rupay आज इंडियन Economy को बढ़ावा देने और उसे मजबूत बनाने के साथ-साथ पूरी दुनिया में भारत का नाम भी रोशन कर रहा है।

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