Paytm Success Story Full Case Study

Paytm Success Story

दोस्तों एक टाइम था जब Paytm डिजिटल पेमेंट का चेहरा बन चुका था। लोग ऑनलाइन पेमेंट का मतलब ही Paytm करना समझने लगे थे और फिर 8 नवंबर 2016 को भारत में नोटबंदी के बाद Paytm भारतीय डिजिटल पेमेंट के मार्केट में सबसे बड़ा प्लेयर बन गया और फर्स्ट मोबाइल एडवांटेज ने Paytm को इस इंडस्ट्री का किंग बना दिया था। लेकिन फिर ऐसा क्या हुआ किसने Paytm के डाउन फॉल की नींव रखी और क्यों आज यह कंपनी अपनी इन्वेस्टर्स की आंखों में खटक रहा है। आज के इस लेख में हम आपको Paytm Success Story एंड फॉल की पूरी स्टोरी बताएंगे।

Paytm का मालिक कौन है?

तो दोस्तों 22 फरवरी 2022 को साउथ दिल्ली के (DCP) BENITA MARY JAIKER की कार को एक तेजी से आती Land Rover ने टक्कर मार दी। दिल्ली पुलिस ने उस इंसान को अरेस्ट किया, लेकिन बाद में वह बेल पर छोड़ दिए गए वो इंसान कोई और नहीं बल्कि Paytm के फाउंडर एंड सीईओ विजय शेखर शर्मा थे। यूपी के अलीगढ़ में जन्मे विजय शेखर शर्मा एक मिडिल क्लास फैमिली से थे, लेकिन उनका सपना एक ऐसी कंपनी बनाने का था जिसे पूरी दुनिया में पहचान मिले। साल 2000 में विजय ने one97 कम्युनिकेशंस नाम की एक कंपनी की शुरुआत की और इसी के अंडर ही Paytm भी आता है।

Paytm का मतलब क्या है?

Paytm यानी Pay Through Mobile को साल 2010 में लांच किया गया था, जिसमें विजय शेखर शर्मा ने 2 मिलियन डॉलर्स की इन्वेस्टमेंट की थी। अब शुरुआत में यह एक प्रीपेड मोबाइल और डीटीएच रिचार्ज प्लेटफार्म हुआ करता था, जिसको बाद में डाटा कार्ड, पोस्टपेड मोबाइल और लैंडलाइन बिल्स के लिए भी एक्सपैंड कर दिया गया।

2014 में पेटीएम वॉलेट हुआ लॉन्च

इसके बाद 2014 में Paytm वॉलेट के लॉन्च होने के बाद से भारत में डिजिटल पेमेंट का एक Easy और Convenient Method आ गया, जिससे Paytm का यूजर बेस काफी तेजी से बढ़ने लगा। यहां तक कि Paytm की Popularty को देखते हुए चाइना की Alibaba Group, Warren Buffett की कंपनी Berkshire Hathaway और रतन टाटा जी ने भी इसमें इन्वेस्ट किया हुआ था। हालांकि 8 नवंबर 2016 को जब प्राइम मिनिस्टर नरेंद्र मोदी जी ने नोट बंदी की घोषणा की तो Paytm भारत के डिजिटल पेमेंट सेक्टर में एकमात्र Establish प्लेयर था। अब यहां Paytm के Officials ने सिचुएशन का फायदा उठाने का सोचा और अगले ही दिन देश के सारे न्यूज़ पेपर में प्राइम मिनिस्टर की फोटो के साथ अपनी एडवर्टाइजमेंट पब्लिश करा दी, जिसमें Paytm ने भारत को डिजिटल पेमेंट के क्षेत्र में आगे ले जाने के लिए पीएम मोदी को Congratulate किया था।

लेकिन यह स्ट्रेटजी Paytm पर ही बैकफायर कर गई। एक्चुली अपोजिशन पार्टीज ने आरोप लगाया कि नोटबंदी की मदद से बीजेपी ने Paytm को फायदा पहुंचाया है, और Paytm को सारे सिचुएशन के बारे में पहले से ही पता था। हालांकि Paytm ने इस पोलिटिकल कॉन्ट्रोवर्सी पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और मौके का फायदा उठाने पर ध्यान दिया, और यही वजह थी कि महज 1 महीने के अंदर ही Paytm के यूजर 14 करोड़ से बढ़कर 27 करोड़ पहुंच गए थे। साल 2015 में Paytm ने अपने पेमेंट बैंक की भी शुरुआत की जो कि आज के समय में उनका एकमात्र प्रॉफिटेबल प्रोडक्ट है। 2017 में इस बैंक को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से भी अप्रूवल मिल गया, और Paytm का यूजर बेस और भी ज्यादा स्ट्रांग होता चला गया। हालांकि 2018 में कुछ KYC दिक्कतों की वजह से इनके नए अकाउंट ओपनिंग पर रोक लगा दिया गया था। पर अगले ही साल इन्हें दोबारा से आगे बढ़ने के लिए अप्रूवल मिल गया। 

हालांकि आगे चलकर 2022 में भी Paytm पेमेंट बैंक और आरबीआई के बीच कुछ गड़बड़ियां देखने को मिली पर तमाम बैन के बावजूद Paytm पेमेंट बैंक कॉफी सक्सेसफुल रहा और इसने Paytm की ग्रोथ में इंपॉर्टेंट रोल निभाया। अब आगे समय बीतता गया और डिजिटल पेमेंट के मार्केट में नए-नए प्लेयर्स एंटर होते गए। लेकिन इसी बीच Paytm एक ऐसी गलती कर गया जिसने उसकी अच्छी खासी बिजनेस को हिला कर रख दिया। एक्चुअली एनपीसीआई ने यूपीआई को लॉन्च कर दिया था। जिसकी मदद से bank-to-bank पेमेंट भेजना आसान हो गया, और Paytm जिस वॉलेट मोड पर चलता था। उसकी पापुलैरिटी कम होने लगी।


हालांकि Paytm ने इतनी जल्दी यूपीआई को एक्सेप्ट नहीं किया, और यही वजह थी कि उसके ज्यादातर यूजर्स गूगल पे और फोन पे पर चले गए। हालांकि बाद में Paytm ने भी अपने प्लेटफार्म पर यूपीआई को ऐड तो किया पर जब तक Paytm को अपनी गलती रियलाइज होती तब तक काफी देर हो चुकी थी। यहां से Paytm का यूजर बेस कम होने लगा और उनका मार्केट शेयर भी घटता चला गया। अब साल था 2021 का जब 8 नवंबर को Paytm अपना IPO लेकर आती है। इसकी मदद से वो 20 बिलीयन डॉलर की वैल्यूएशन पर 2.3 बिलियन डॉलर प्राइस करते हैं।

यानी कि करीब 18300 करोड रुपए यह कोल इंडिया के बाद से भारत का सबसे बड़ा आईपीओ था, और Paytm के 1 शेयर की कीमत 2150 रुपए रखी गई थी। विजय शेखर शर्मा ने कहा था कि उन्होंने इन्वेस्टर्स को फायदा पहुंचाने के लिए शेयर की प्राइस काफी कम रखी है। पर एक्सपर्ट्स का मानना था कि यह काफी ज्यादा है। 
Paytm का आईपीओ मार्केट में बहुत हाइप लेकर आया, और लोग इसमें इन्वेस्ट करने के लिए बहुत एक्साइटेड दिखाई दिए। यहां तक कि ग्रे मार्केट में भी Paytm का शेयर 20% प्रीमियम पर ट्रेड कर रहा था। 

वैसे हम आपको बता दें कि ग्रे मार्केट है। एक ऐसा ऑन ऑफिशियल मार्केट है जहां ऑफिशियल ट्रेडिंग से पहले शेयर्स की बाइंग एंड सेलिंग होती है, और दोस्तों Paytm के शेयर को तो ग्रे मार्केट पर लोग 20% ज्यादा प्राइस पर खरीदने के लिए तैयार थे। पर 18 नवंबर 2021 को जब Paytm स्टॉक मार्केट पर लिस्ट हुआ तो दिन के अंत तक इसके शेयर की प्राइस सिर्फ ₹1560 रह गई। और दोस्तों फिलहाल आज के टाइम पर Paytm का शेयर ₹620 के करीब है जो कि 2150 की इश्यू प्राइस से करीब 71% नीचे है।


अब हम जानेंगे आखिर वह क्या रीजंस थे? जिनकी वजह से Paytm का आईपीओ इतनी बुरी तरह से फेल हो गया। अब सबसे पहले तो मैं आपको यह बता दो कि Paytm के आईपीओ लाने के फैसले में कोई भी गलती नहीं थी। 2021 में लगभग 65 कंपनीज अपना आईपीओ लेकर आई थी। और ज्यादातर कंपनी का परफॉर्मेंस बहुत अच्छा रहा पर दो ऐसी कंपनी थी जिनका आईपीओ बुरी तरह से फ्लॉप हुआ। पहली Paytm और दूसरी कार ट्रेड बेसिकली दोनों ही लॉस मेकिंग कंपनी थी, और दोनों ने हाई वैल्यूएशन पर अपने आईपीओ लाए थे। 

Paytm ने 20 बिलीयन डॉलर्स की वैल्यूएशन रखी थी जो कि उस समय करीब 1.4 लाख करोड रुपए के बराबर थी, जबकि Paytm का रेवेन्यू महज़ 33 सौ करोड़ रुपए का ही था। अब दोस्तों एक कंपनी के शेयर का प्राइस और उसकी अर्निंग के Retio को Price to Earning Retio या PE Retio कहते हैं। अब क्योंकि Paytm एक लॉस मेकिंग कंपनी है। इसीलिए हम इसका Price to Earning Retio नहीं निकाल सकते? और ऐसी कंडीशन में हमें इसका Price to Sales Retio निकालना होगा जो कि Paytm के केस में 35 आता है। 

मतलब हम सिंपली समझे तो इस कंपनी को अपने इन्वेस्टर्स का प्रॉफिट कराने के लिए हर साल 400% की रिटर्न देने होंगे जो कि लगभग इंपॉसिबल है। अब दोस्तों ग्लोबल स्टैंडर्ड्स पर देखें तो 20 बिलीयन डॉलर्स के लगभग की वैल्यूएशन वह कंपनीज मांगती है जिनका रेवेन्यू Paytm से कम से कम 9 गुना ज्यादा होता है, लेकिन Paytm कम रेवेन्यू के बावजूद हाई वैल्यूएशन के लिए गई जो कि पहले ही दिन से अपने इन्वेस्टर्स के साथ बहुत बड़ा धोखा था। 
हालांकि Paytm का वैल्यूएशन ही इसकी आईपीओ के फेलियर का एकमात्र कारण नहीं था। बेसिकली प्राइवेट कंपनीज और पब्लिक कंपनीज इसके लिए फंडिंग का गेम बहुत अलग-अलग चलता है।


प्राइवेट कंपनीज फंडिंग काफी आसानी से हासिल कर लेती हैं और अपनी वैल्यूएशन को बहुत ज्यादा बढ़ा देती है। पर पब्लिक बनने के लिए उन्हें अपनी वैल्यूएशन को जस्टिफाई करना होता है। उसके लिए कंपनी के फंडामेंटल्स बहुत स्ट्रांग होने चाहिए। यानी कि उनके पास एक अच्छी टीम और एक प्रॉपर बिजनेस मॉडल होना चाहिए, लेकिन इसकी कमी Paytm के साथ साफ नजर आती है। इस कंपनी का ना कोई ठोस बिजनेस मॉडल है। ना प्रॉफिट्स है और ना ही प्रॉफिटेबल होने का कोई सॉलिड प्लान आज के समय में Paytm हर एक फाइनेंसियल फील्ड में घुसाना चाहती है। 

पर इनके पास किसी भी चीज मे प्रॉपर एक्सपर्टीज नहीं है। Paytm ने अपने प्लेटफार्म को तो ऑल इन वन एप बना दिया है जहां पर आप मोबाइल रिचार्ज से लेकर बिल पेमेंट, यूपीआई ट्रांसफर, पॉलिसी खरीदना इन्वेस्टमेंट करना, गेम खेलना, मूवीज बस और इवेंट की टिकट्स बुक करने जैसा कोई भी काम कर सकते हैं और दोस्तों यही वजह है कि Paytm का इंटरफ़ेस इतना कन्फ्यूजिंग हो चुका है। 
कि यूजर्स इसके प्लेटफार्म पर आना पसंद ही नहीं करते।

Paytm तो कई सारे बिजनेसस में घुस चुका है, लेकिन इसके सिर्फ दो बिजनेसस ही सक्सेसफुल है। Paytm पेमेंट बैंक और Paytm फास्टैग अपने पेमेंट बैंक में Paytm ने लगातार आरबीआई के रूल्स एंड रेगुलेशंस को ताक पर रखा है, जिसके कारण उन्हें काफी सारे प्रॉब्लम्स का भी सामना करना पड़ा है। पर प्रेजेंट सिचुएशन की बात करें तो Paytm पेमेंट बैंक इस कंपनी को लगातार प्रॉफिट कमा कर दे रहा है। इसके अलावा Paytm फास्टैग जो Paytm बैंक के ही अंडर आता है। वह भारत के फास्टैग मार्केट में 28.2% का शेयर रखता है। हालांकि इन दोनों की बाद paytm के पास ऐसा कोई भी बिजनेस नहीं है जो कि उनके लिए प्रॉफिट्स लेकर आ रहा हो। इसीलिए यहां सवाल उठता है कि आखिर Paytm बनाना क्या चाहता है।


अब इस सवाल पर Paytm के फाउंडर विजय शेखर शर्मा कहते हैं कि उनका लक्ष्य हैं एक ऐसे बिजनेस मॉडल को बनाने का है, जिसमें वह एक बिजनेस से कस्टमर को एक्वायर करें और उसे अपने दूसरे बिजनेस की ओर ले जाकर उनसे भी पैसे कमाए। एग्जांपल के लिए अगर कोई कस्टमर Paytm का इस्तेमाल करता है। तो फिर उसे Paytm पेमेंट बैंक, Paytm फास्टैग और Paytm फर्स्ट गेम जैसी दूसरी सर्विस पर भी ले जाने की कोशिश की जाती है।
लेकिन विजय शेखर शर्मा का यह मास्टर प्लान इन्वेस्टर्स की समझ से बाहर है, और इसीलिए वह सीरियसली लेने को तैयार नहीं है। 

अब बिजनेस के मामले में तो paytm फेल हो ही रहा है। पर अब तो इसकी किस्मत भी इससे मुंह मोड़ती नजर आ रही है। एक्चुअली Paytm के पास दूसरे फिनटेक इस्टार्टअप के कंपैरिजन में एक ही एडवांटेज था और वह था। उनका Vast User Data जिससे वह मार्केट में लीड ले सकते थे। पर 2021 में आरबीआई की Account Aggregators Network Initiative ने Paytm से यह भी छीन लिया। इस Initiative के तहत भारत के सारे फिनटेक स्टार्टअप्स एक दूसरे के यूजर डाटा को इस्तेमाल कर सकते हैं।

मतलब कि अगर Paytm को पता है कि उनका कस्टमर इन्वेस्टमेंट करने में इंटरेस्टेड है, तो फिर उनका यह डाटा फोन पे, गूगल पे और दूसरी फिनटेक ऐप्स के पास भी होगा। और दोस्तों इसी के कारण Paytm के हाथ से रेवेन्यू जनरेट करने का एक और तरीका छिन चुका है। मगर फिर भी आप अगर नोटिस करेंगे तो Paytm लगातार एक्सपेंड कर रहा है और नए नए बिजनेसज में हाथ आजमाता जा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि ऐसी कंपनीज का मेन फोकस प्रॉफिट कमाने पर नहीं बल्कि कस्टमर का बिहेवियर चेंज करने पर होता है। 

Paytm आपको अपने प्लेटफार्म के थ्रू पेमेंट करने पर रिवॉर्ड और कैशबैक इसलिए देता है जिससे आपको उनके प्लेटफार्म की आदत लग जाए, और आप इनके इकोसिस्टम मे ही फस कर रहा जाओ। हालांकि फिलहाल तक तो Paytm अपने बिजनेस मॉडल को सक्सेज तक पहुंचाने में नाकाम रहा है, लेकिन आखिर में सवाल उठता है कि Paytm को आख़िर ऐसा क्या करना चाहिए? जिससे कि वह अपने लॉसेस को कम कर सके तो दोस्तों सबसे पहले तो Paytm को एक प्रॉपर बिजनेस प्लान बनाना होगा, जिनमें उनके टारगेट्स और गोल क्लियर हो। इससे वो इन्वेस्टर्स के बीच भरोसा कायम रख पाएंगे, और उनके शेयर्स की प्राइस और नीचे नहीं आएगी। 

Paytm को यह समझना होगा कि भारतीय इंटरनेट यूजर्स को सारी सर्विसेज एक जगह पर नहीं चाहिए बल्कि वह चाहते हैं कि उन्हें हर सर्विस फास्ट एंड एफिशिएंट तरीके से मिले लाइक अगर वह मोबाइल रिचार्ज करना चाहते हैं तो वह बिना किसी रूकावट के हो जाए। कहने का मतलब यह है कि Paytm को 50 सर्विस शुरू करने पर फोकस न करते हुए सिर्फ उन सर्विसेस को ही प्रोवाइड करना चाहिए जिसमें कि उनकी एक्सपर्टीज हो। इससे Paytm का यूज़र इंटरफ़ेस भी काफी इंप्रूव होगा, और अल्टीमेटली लोग उनके प्लेटफार्म पर आना पसंद करेंगे। तो आने वाले समय में Paytm fully प्रॉफिटेबल बनेगा, और अपने इन्वेस्टर्स को हुए लोसेस को Profit में बदलेगा। वैसे Paytm को वापसी के लिए क्या करना चाहिए? आप अपना ओपिनियन भी हमें कमेंट में जरूर बताइएगा।

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