The Rise and Fall of Byju’s | The Truth Behind Byju’s Scams | Edtech Giant

दोस्तों अगर आपने पिछले साल का फीफा वर्ल्ड कप देखा है। तो एक चीज आपने नोटिस की होगी। Gadar के Stadium में हर जगह हमारा इंडियन यूनिकॉर्न Byju's के बैनर्स लगे हुए थे। टीवी चैनल्स पर ये नाम बड़े अक्षरों में उभर रहा था और हर न्यूज़ चैनल पर यह खबर चल रही थी कि Byju's इंडिया की पहली ऐसी कंपनी है जिसने फीफा वर्ल्ड कप को स्पॉन्सर किया है। आपको बता दें कि इसके लिए कंपनी ने 40 मिलियन डॉलर यानी करीब ₹330 करोड़ एक्सपेंड किए थे। 

इसके बाद फीफा वर्ल्ड कप के विनर Lionel Messi को Byju's ने अपना ब्रांड अंबेसडर भी बनाया। जिसको हर साल यह कंपनी 5 से 7 मिलियन डॉलर पे करती है। लेकिन इस एग्रीमेंट के बाद Byju's को चारों तरफ से क्रिटिसिज्म का सामना करना पड़ा क्योंकि इस डील के कुछ ही महीने पहले Byju's अपने कम बजट के चलते अपने 2500 एंप्लाइज को नौकरी से निकाल दिया था। इसके अलावा कंपनी के CEO बायजू रवीन्द्रन किसी ना किसी कंट्रोवर्सी में घिरे ही रहते हैं।

The Rise and Fall of Byju’s | The Truth Behind Byju’s Scams | Edtech Giant

अभी कुछ ही टाइम पहले यूएस के लेंडर्स ने Byju's के ऊपर 500 मिलियन डॉलर छिपाने का आरोप लगाया था। हाल ये हो गया है कि कई बड़े इन्वेस्टर्स अब कंपनी को छोड़ कर जा चुके हैं। साथ ही जिस Byju's के पास कभी मिलियंस में स्टूडेंट हुआ करते थे। आज उसकी क्लासेस खा ली जा रही हैं। यहां तक कि एंप्लाइज भी कंपनी पर जबरदस्ती 12:00 बजे रात तक काम करने का आरोप लगाते हैं। आज इस कंपनी की वैल्यूएशन भी तेजी से गिरती जा रही है। 

अक्टूबर 2022 में जहां इसकी वैल्यूएशन 22 बिलियन डॉलर थी वो नवंबर में ड्रॉप होकर 5 .97 बिलियन डॉलर पर आ गई। यानी सिर्फ 1 महीने के अंदर इस कंपनी की वैल्यूएशन 70% कम हो गई। पर आखिर यह सब हुआ कैसे कैसे सिर्फ 1 महीने के अंदर इतनी बड़ी कंपनी आसमान से जमीन पर आ गई। और वह आखिर कौन सी दिक्कतें हैं जिनकी वजह से Byju's आज बर्बादी के कगार पर खड़ा है आइए डिटेल में जानने की कोशिश करते हैं। 

इस पूरे मामले को समझने के लिए सबसे पहले हमें यह जानना जरूरी है कि Byju's की शुरुआत कब कैसे और क्यों हुई थी। तो दोस्तों Byju's कि शुरुआत बायजू रवीन्द्रन और उनकी पत्नी दिव्या गोकुलनाथ ने मिलकर की थी। बायजू रवीन्द्रन प्रोफेशन से एक इंजीनियर थे। और इस कंपनी की शुरुआत से पहले एक reported पोजीशन पर employee थे बाद में वह कुछ स्टूडेंट के रिक्वेस्ट करने पर कैट की प्रिपरेशन में उनकी हेल्प करने लगे। इसी सोच के साथ उन्होंने 2011 में think & learn स्टार्टअप लॉन्च किया। जो Byju's की पैरंट कंपनी है। 

फिर साल 2015 में उन्होंने अपने फ्लैक्सी प्रोडक्ट Byju's को as लर्निंग ऐप लॉन्च किया। जो उनके पूरे करियर के लिए एक बहुत ही बड़ा। गेमचेंजर साबित हुआ जैसे जैसे स्मार्ट फोन और इंटरनेट के यूजर्स बढ़ते चले गए। वैसे-वैसे इस ऐप की पॉपुलैरिटी भी बढ़ती चली गई, लेकिन इसमें सबसे बड़ा ट्विस्ट आया कोविड-19 के टाइम वो ऐसा समय था जब हर कोई अपने घरों में कैद हो चुका था और लोग एजुकेशन के लिए सिर्फ टेक्नोलॉजी पर डिपेंडेंट थे। ऐसे में Byju's उनके बच्चों के लिए एक बेस्ट एजुकेशन पार्टनर बन कर सामने आया। 

जून 2020 में कंपनी 10.5 बिलियन डॉलर की वैल्यूएशन के साथ डेकाकॉर्न की लिस्ट में अपनी जगह बना चुकी थी। उस दौरान इसके Courses में इतने ज्यादा स्टूडेंट्स ने अनवारूल किया कि सितंबर 2020 तक। Byju's के 6.4 करोड़ सब्सक्राइबर हो गए और इसी महीने फॉर्च्यून मैगजीन ने ग्लोबल 40 अंडर 40 लिस्ट 2020 में बायजू रविंद्रन को भी शामिल किया था। 


फिर आया मार्च 2022 जब byju's ने 800 मिलियन डॉलर की fund-raising की और इसकी वैल्यूएशन 22 बिलियन डॉलर तक पहुंच गई। लेकिन अब आप आपके मन में यह सवाल आ रहा होगा कि आखिर यह सब हुआ कैसे और इस कंपनी ने इतने रैपिड ग्रोथ को अचीव कैसे किया आइए एक एक करके समझते हैं। दोस्तों सभी इंडियन पेरेंट्स के बीच यह एक कॉमन थॉट होता है कि अगर उनके बच्चे स्मार्टफोन या डेस्कटॉप से interacted हुए तो वह बिगड़ जाएंगे और पढ़ाई नहीं करेंगे और इसी मिथ को तोड़ने के लिए Byju's ने अपना एक वीडियो कैंपेन लॉन्च किया था, जिसका नाम था Com Fall In Love With Learning इस कैंपेन में पेरेंट्स को यह समझाने में मदद की टेक्नोलॉजी की मदद से भी एजुकेशन ली जा सकती है। 

उनका यह कैंपेन काफी सफल रहा और कंपनी की इस स्ट्रेटजी की वजह से पेरेंट्स ने अपने बच्चों के लिए इनके Courses खरीदे जिसका कंपनी की ग्रोथ पर काफी बड़ा इंपैक्ट पड़ा। अब आपने शाहरुख खान का वह टीवी ऐड तो देखा ही होगा। जिसमें वो byju's को प्रमोट करते नजर आते हैं और कमाल की बात तो ये है कि इस एड को उस समय ब्रॉडकास्ट किया जा रहा था। जब इंडिया और पाकिस्तान का क्रिकेट मैच चल रहा था। लाखों लोगों की निगाहें टीवी स्क्रीन पर जमी हुई थी और उसी दौरान जब शाहरुख खान जैसा सेलिब्रिटी आकर यह कहे कि आपके बच्चे की सफलता केवल byju's पर है तो जाहिर सी बात है। कि यह चीज पेरेंट्स के माइंड में हिट तो करेगी ही। 

इस ऐड कैंपेन की खास बात यह थी कि इसमें माता-पिता दोनों को ही टारगेट किया गया था क्योंकि कंपनी को पता था कि हर घर में मदर ही डिसीजन मेकर होती हैं। वहीं फरवरी 2021 में Byju's आईसीसी का भी ग्लोबल पार्टनर बन गया। और 2021 से 2023 तक आईसीसी के सभी इवेंट्स जैसे कि T20 वर्ल्ड कप से लेकर न्यूजीलैंड में होने वाले वीमेन वर्ल्ड कप का Byju's पार्टनर है। इससे कंपनी को तेजी से पॉपुलैरिटी तो मिली ही साथ ही ये क्रिकेट लर्निंग यूथ के बीच एक यूनिक आइडेंटिटी बनाने में कामयाब हो गए। 

अब दोस्तों कुछ समय पहले देश में साउथ वर्सेस नॉट कनफ्लिक्ट बड़े ही जोरों पर था फिर चाहे बॉलीवुड वर्सेस साउथ इंडियन फिल्म इंडस्ट्री हो। या फिर डेवलपमेंट ऑफ ग्रोथ हो इस माहौल का फायदा उठाते हुए Byju's ने भी अपना रीजनल कैंपेन लांच कर दिया। जहां पहले इसके ऐड सिर्फ हिंदी में थे। वह बाद में महेश बाबू के साथ तेलुगु में ऐड्स बनाए जो तेलंगाना आंध्र प्रदेश को टारगेट कर रहा था। इसके बाद इस कंपनी ने सुधीर संजीव के साथ कन्नड़ लैंग्वेज में भी ऐड कैंपेन शुरू किए और इस तरह से एक लिमिटेड एरिया में सीमित न रहकर Byju's ने देश के कोने-कोने में अपनी पहचान बना ली। 

अब क्रिकेट में अपना नाम बनाने के बाद Byju's की नजर पड़ी। फुटबॉल पर और इसने 24 मार्च 2022 को अनाउंस किया। कि यह दुनिया का मोस्ट फेमस स्पोर्ट्स इवेंट फीफा वर्ल्ड कप को स्पॉन्सर करने जा रहा है। और इन्ही सब प्रयासो के चलते अक्टूबर 2022 में इस कंपनी की वैल्यूएशन 22 बिलियन डॉलर को टच कर गई। लेकिन यह बबल तब फूटा जब अगले ही महीने प्रोसस नाम का एक ग्लोबल इन्वेस्टमेंट ग्रुप जो Byju's का सबसे बड़ा इन्वेस्टर था। वो इस एडटेक कंपनी को छोड़ दिया और उसने अपने 9.6% शेयर को डाउन्साइज करके अराउंड 493 मिलीयन डॉलर पर छोड़ दिया।


जिसके चलते सिर्फ एक ही महीने में Byju's की बायजुस वैलुवेशन तकरीबन 5 गुना घटकर 5.97 बिलियन डॉलर पर आ गई इसके आलावा साल 2021 में बायजूस का टोटल रेवेन्यू था 2428 करोड रुपए वहीं इनके लॉसेज थे। 4588 करोड रुपए जिससे साफ है कि कंपनी ₹1 कमाने के पीछे अपने ₹2 बर्न कर रही थी। अब आप सोच रहे होंगे कि एक हाई वैल्यूड कंपनी की फाइनेंसियल कंडीशन इतनी खराब कैसे हो गई और आखिर इसके सीईओ किन गलतियों ने आज कंपनी को डेकाकॉर्न की लिस्ट से बाहर कर दीया आइए डिटेल में जानने की कोशिश करते हैं तो दोस्तों Byju's जब इंडिया का लीडिंग टेक कंपनी के रूप में उभर रहा था। 

तब इसके सीईओ ने अपना पूरा फोकस इसके एक्सपेंशन पर लगाया हुआ था फोर एग्जांपल इन्होंने whitehat जूनियर को 300 मिलियन डॉलर में एक्वायर कर लिया। इसके बाद आकाश इंस्टीट्यूट को 950 मिलियन डॉलर में ऐसे ही ग्रेट लर्नर,  epic!, Topper, Grodeup, Tynker, GeoGebra, LabInApp, Osmo, Tutorvista, और Edurite जैसे कई सारी कंपनीज को Byju's ने एक्वायर कर लिया। अपने ब्रांड को ग्लोबली एक्सपेंड करने के लिए इन्होंने इंटरनेशनल मार्केट में भी Byju's फ्यूचर स्कूल की शुरुआत की साथ ही यह California Based Company Chegg और Maryland Base Educational Consultant 2u को एक्वायर करना चाहते हैं। 

जिस डील की टोटल वैल्यू $2billion हो सकती है। यानी कुल मिलाकर Byju's ने अपने एक्सपेंशन को हद से ज्यादा अग्रेसिव रखा है। दोस्तों जब तक पेंडिनिंग का दौर था तब तक Byju's के लिए सब कुछ अच्छा चलता रहा, लेकिन जैसे ही कोविड-19 restrictions हटाए गए और बच्चे स्कूल वापस जाने लगे तब से Byju's की उल्टी गिनती शुरु हो गई। Byju's बिना डाउनटर्न प्रेडिक्ट किए या बिना अपने लॉसेस को समझे इन्वेस्टर से पैसे लेता गया और उस पैसे को महंगे महंगे add कैंपेन में लगाता गया।

हालांकि 2021 में जब उसे 4500 करोड़ रुपए का लॉस हुआ था। तो वो कंपनी के लिए एक सिग्नल था कि उन्हें अब एक्सपेंशन की जगह प्रॉफिट को इनक्रीज करने पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि यह लॉस 2020 के मुकाबले 19 गुना ज्यादा बढ़ा था, लेकिन Byju's ने अपनी expensive ad campaign या कंपनीज की एक्विजिशन जारी रखी। दोस्तों यह तो अभी शुरूआत थी क्योंकि इसके बाद Byju's का नाम लगातार किसी ना किसी स्कैंडल और कंट्रोवर्सी में आना शुरू हो गया। जिसमें सबसे पहले पेरेंट्स की तरफ से ये शिकायत आने लगी। कि Byju's उन पर Courses खरीदने का दबाव बना रहा है। 

इनमें से बहुत से पैरेंट्स ऐसे थे जो उनके महंगे Courses अफोर्ड नहीं कर सकते थे, लेकिन Byju's के executor का काम बस पेरेंट्स को कन्वेंस करना था। कि आप किसी भी तरह से उनके Courses को buy कर ले। वो इंस्टॉलमेंट प्लान भी ऑफर कर रहे थे। जहां मैक्सिमम लोगों को पता ही नहीं होता था कि इस प्लान के पीछे उनके साथ कितना बड़ा गेम चल रहा है। असल में Byju's कई सारे एनबीएफसी यानी None Banking Financial Institution से टाईअप कर रखा है, जहां कंपनी पर allegation है। कि वो एनबीएफसी से आप के नाम पर लोन लेता है और आप जिस अमाउंट को अपने बच्चे की फीस का इंस्टॉलमेंट समझकर हर महीने पे करते हैं, वह असल में उस लोन का emi है।


इसके अलावा एनसीपीसीआर यानी National Commission for Protection of Child Rights ने इस कंपनी के ऊपर एक बड़ा आरोप लगाया है। एनसीपीसीआर चेयर पर्सन priyank kanoongo का कहना है कि Byju's बच्चे उनके पेरेंट्स के फोन नंबर्स खरीदकर उन्हें कॉल करके डराता है कि अगर उन्होंने कोर्स को नहीं खरीदा। तो उनके बच्चों का फ्यूचर बर्बाद हो जाएगा। कंपनी के ऊपर यह भी allegation है कि पहले वह 15 दिन का फ्री ट्रायल देते हैं और उस दौरान वह बच्चों की परफॉर्मेंस को एनालाइज करते हैं कि वह किस सब्जेक्ट में वीक है और फिर ट्रायल पीरियड खत्म होने के बाद कंपनी के सेल executor का पेरेंट्स को कॉल जाता है जिसमे वो उसके वीकनेस को प्वाइंट आउट करके उन्हें डराने की कोशिश करते हैं और जाहिर सी बात है। कि इसके लिए उनके पास दुनिया का एकमात्र सलूशन है। 

Byju's के महंगे Courses, लेकिन यह सब चीजें जब लोगों के सामने आने लगी और जब कंपनी पर इतने सारे allegation लगने लगे। तो पेरेंट्स को समझ आने लगा। कि यह सारी चीजें एक स्कैम की तरह है। इस तरह धीरे-धीरे इनके स्टूडेंट्स की संख्या कम होती चली गई। वहीं कुछ ही समय पहले इस कंपनी पर Foreign Exchange Violation का भी आरोप लगा था। और बायजू रवीन्द्रन के नाम पर समन भी जारी किए गए थे, लेकिन हमेशा वो ED से बचते रहे और कभी भी उनके सामने पेश नहीं हुए। जिसके बाद अप्रैल मंथ में ED ने कंपनी में रेड डाल दी और Byju's के बेंगलुरु ऑफिस से कई कंप्यूटर को जप्त कर लिया। 

इसके अलावा एजेंसी का कहना है कि तलाशी के दौरान उन्होंने कई Incriminating Documents और डिजिटल डाटा को सीज किया है। इस एजेंसी ने यह भी रिवील किया था कि कंपनी को 2011 और 2023 के बीच 88 हजार करोड़ पर का एफडीआई रिसीव हुआ था। साथ ही Byju's ने भी 9754 करोड़ रुपये दूसरे देशों में भेजे हैं अब दोस्तों ED रेड के बाद इस कंपनी की इमेज और भी ज्यादा गिर गई। अब एक तरफ जहा ये ग्लोबल इन्वेस्टर से बड़ा अमाउंट वशुल रहे थे। 

वहीं दूसरी तरफ Byju's में काम करने वाले एंप्लाइज इंसेंटिव और सपोर्ट के लिए इस कंपनी से गुहार लगा रहे थे। कंपनी के साथ फॉर्मल एंप्लाइज का कहना है कि उन्हें विकली ₹2 लाख का सेल टारगेट पूरा करने के लिए कई कई घंटे तक काम करना पड़ता था और कई बार तो ऐसा भी होता था कि सुपरवाइजर्स उनको रात के 12:00 बजे तक काम करने के लिए रोक कर रखते थे पर जैसे ही Byju's को अपनी फाइनेंसियल कंडीशन खराब नजर आने लगी, वैसे ही वह अपने एंप्लाइज की छंटनी करनी शुरू कर देता है। जैसे कि लास्ट ईयर मेसी के साथ डील साइन करने से पहले इसने अपने 2500 एंप्लाइज को निकाल दिया। 

वैसे ही इस साल के फरवरी महीने में Byju's ने करीब 1500 एंप्लाइज की lays off की और जून में फिर से 1000 लोगों को घर का रास्ता दिखा दिया। केवल इतना ही नहीं। यहां के टॉप्सीक वर्क कल्चर की वजह से बहुत सारे एंप्लाइज खुद भी Byju's को छोड़ दे रहे हैं। साथी इन खबरों के वायरल होने के बाद अब कोई भी नया एंप्लाइज इस कंपनी में काम करने से डरता है। वही Byju's के कई early-stage इन्वेस्टर्स ने हाल ही में रिजाइन दे दिया है। उनका आरोप है कि कंपनी में गवर्नेंस और डायरेक्टर की सलाह को नजर अंदाज किया जाता है। 


इन इन्वेस्टर्स में एक वेंचर कैपिटल फॉर्म peak xv और Mark Zuckerberg finnerty organizations Chan Zuckerberg initiative भी शामिल थे इसके अलावा Byju's कई तरह के legal trable भी फेस कर रहा है जो ना सिर्फ इंडिया में फाइल किए गए। बल्कि foreign लेंडर्स इस पर कई तरह के धोखाधड़ी का इल्जाम लगा चुके हैं। लेंडर्स का कहना है कि Byju's के पास लोन अमाउंट को चुकाने के लिए पैसे तो हैं, लेकिन वो हमसे मिलियन डॉलर्स को छुपा रहा है और इस चीज के चलते अमेरिका में बायजू रवीन्द्रन के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हुआ है। 

इस साल Byju's के ऑडिटर deloitte ने कंपनी से इस्तीफा दे दिया। इन्हीं संकटो के बीच अब ऐसा लग रहा कि Byju's के हाथ से उसका एजुकेशनल इंस्टीट्यूट आकाश भी फिसलता जा रहा, क्योंकि जून में खबर आई थी कि अपनी खराब फाइनेंसियल हेल्प से जूझ रहे Byju's ने आकाश के 70% stake में से 20% बेचने का प्लान बना लिया है। और इसके लिए सही इन्वेस्टर्स की तलाश की जा रही है।दोस्तों एक ऐसा समय था जब इस कंपनी के पास इतने ज्यादा फंड्स थे 

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